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जनपद में वर्षा के कारण घटित हो रही घटनाओं के दृष्टिगत आमजनमानस हेतु सुझाव

जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि वर्तमान में वर्षा ऋतु प्रारम्भ हो चुकी है। जनपद में लगभग प्रतिदिन बारिश हो रही है।

अमन यात्रा, कानपुर देहात। जिलाधिकारी नेहा जैन ने बताया कि वर्तमान में वर्षा ऋतु प्रारम्भ हो चुकी है। जनपद में लगभग प्रतिदिन बारिश हो रही है। प्रायः आकाश में घने काले बादल छाये रहते हैं, जिससे बादलों के गरजने, गड़गड़ाहट एवं चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की सूचना प्राप्त हो रही हैं विगत कुछ दिनों में आकाशीय बिजली गिरने से जनहानि एवं पशु हानि की सूचना प्राप्त हुई है। इसी प्रकार कई दिनों से भारी वर्षा होने के कारण मिट्टी के मकान व दीवालों में नमी होने के कारण गिरने से भी उसके नीचे मलबे में दबकर मृत्यु होने की सूचना प्राप्त हुई है। बरसात के मौसम में अक्सर सर्पदंश की भी घटनायें हो रही हैं।

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उपरोक्त परिस्थितियो के दृष्टिगत रखते हुये आमजनमानस से निम्नवत् अपील की जाती है-

कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण मकानों में निवास न करें, यदि सुरक्षित स्थान न हो तो पंचायत भवन आदि में शरण ले सकते हैं।


बादलों के गरजने एवं चमकने के समय लोग घरों से न निकले। इस समय सुुरक्षित स्थान एवं घरों में रहें।


यदि रास्ते में अचानक बादल गरजने एवं चमकने की घटना होती है तो राहगीर तत्काल नजदीकी सुरक्षित स्थान पर रूक जायें।


बारिश के समय पेड़ों के नीचे बिलकुल शरण न लें। विद्युत पोल, खुले तारों आदि से दूरी बना कर रखें।


टी0वी0 एवं रेडियों के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें।


आकाशीय विद्युत से सुरक्षा एवं बचाव हेतु समस्त जनपदवासी दामिनी ऐप का प्रयोग करें, दामिनी ऐप के माध्यम से आकाशीय विद्युत घटित होने की जानकारी प्राप्त हो जाती है। उक्त ऐप के माध्यम से 20 किमी के दायरे में आकाशीय विद्युत गिरने की 30 मिनट पहले से जानकारी हो जाती है। दामिनी ऐप का प्रयोग कर स्वयं एवं दूसरों की जान बचायी जा सकती है।


कच्चे घरों के आस-पास जल जमाव न होने दें, मकानों के निचले हिस्सों के आस-पास जल जमाव हो तो तत्काल जल निकासी की व्यवस्था की जाये।


बरसात के समय आकाशीय विद्युत गिरने की घटना के दृश्टिगत अपने जानवरों को सुरक्षित स्थान पर रखें, उन्हें खुले में न जाने दें।


ऐसे मौसम में अक्सर वर्षा के कारण सर्प अपने बिलों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान ढूढ़ने के साथ ही स्थानीय घरों तक पहुंच जाते है। वर्षा काल में सर्पदंश की घटनायें ज्यादा घटित होते हैं यदि समस्त जनपद वासी बारिश के दिनों में सावधानी बरतते हुये मकान की सफाई व चूहों आदि के बिलों को ढक दें, तो सर्पदंश की घटनाओं को न्यून किया जा सकता है।


 

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Pranshu Gupta
Author: Pranshu Gupta

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