जालौनउत्तरप्रदेश

दूसरी दुनिया में जाकर लिया गया मृत व्यक्ति का कोरोना सैंपल

जिस तरह देश नहीं पूरी दुनिया को कोरोना ने अपने शिकंजी में जकड़ लिया था और इससे कोई भी देश अछूता नहीं रह गया था तब देश की सरकारों ने बड़े कदम उठाए थे और कोरोनावायरस से निपटने के लिए सख्त निर्देश भी दिए थे।

उरई (जालौन) । जिस तरह देश नहीं पूरी दुनिया को कोरोना ने अपने शिकंजी में जकड़ लिया था और इससे कोई भी देश अछूता नहीं रह गया था तब देश की सरकारों ने बड़े कदम उठाए थे और कोरोनावायरस से निपटने के लिए सख्त निर्देश भी दिए थे। कोरोना काल में कोरोनावायरस से मृत्यु होने पर कुछ धनराशि मृतक के परिवार को भी देने के निर्देश दिए गए थे जिसमें मृतक के परिवार को कोरोना रिपोर्ट के साथ आवेदन पत्र देना पड़ता था.

ऐसा ही एक मामला राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई का आया है जहां आवेदन कर्ता ने बताया कि मेरे पिता की मौत कोरोनावायरस हुई थी और उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी जब उनका पहला सैंपल 6 मई 2021 को लिया गया था । जिसके बाद उनको कोरोना वार्ड ध् आईसीयू में भर्ती किया गया था। जिसके बाद उनकी मृत्यु 15 मई 2021 में हो गई थी जो कि मृत्यु प्रमाण पत्र में अंकित है जिसके बाद मेरे पिता का सैंपल 17 मई 2021 में दर्शाया गया है। मेडिकल सूत्रों की मानें तो कोरोना मरीज की मृत्यु के बाद उसको डिस्चार्ज किया गया जोकि कोरोना पोर्टल पर अपलोड कराया गया था । लेकिन कोरोना पॉजिटिव जब तक स्वस्थ ना हो और उसकी रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव ना आए तब तक मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता । और मृत्यु होने पर उसका तुरंत अंतिम संस्कार करवाया जाना सुनिश्चित किया गया था ।

लेकिन अगर मरीज की मृत्यु 15 मई को हो गई थी तो उसका सैंपल तो दूसरी दुनिया में ही जाकर लिया जा सकता था अगर सूत्रों की माने तो कोरोना की पहली व दूसरी लहर में लगभग 270 मरीजों की मृत्यु हुई थी । जिसमें से लगभग 130 मरीजों को मृत्यु के बाद कोरोना पोर्टल से डिस्चार्ज किया गया लेकिन यह जांच का विषय है। इनमेसे एक मृतक के पुत्र ने जब आवेदन किया और उसमें कोरोना रिपोर्ट मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा सारे कागजात लगाये जिसको संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी जालौन ने पत्र संख्या 706/क्क्ड।/ 22- 23 को जारी कर राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई प्रधानाचार्य से स्पष्टीकरण मांगा है कि जब मरीज की मौत 15 मई को हो गई थी जिसका प्रमाण पत्र एवं कोरोना की जांच रिपोर्ट भी आवेदन पत्र के साथ संलग्न की गई है जिसके उपरांत कोविड का द्वितीय सैंपल कलेक्शन 17 मई 2021 को किस तरह  किया गया। अब देखना यह है कि इस पर क्या स्पष्टीकरण आता है और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्यवाही होगी क्या क्योंकि मेडिकल प्रधानाचार्य पर अभी तक कई लोगों द्वारा आरोप भी लगाए गए साक्ष भी दिखाए गए जांच भी की गई लेकिन वो जांचे आज भी अधर में लटकी हुई है । और पीड़ितों का कहना है कि वह आज भी न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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