परस्पर तबादले पर ऊहापोह से शिक्षक बेचैन
प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षकों का जिले के अंदर और बाहर परस्पर तबादले का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। इधर लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है।
- शासन से अगर मिली अनुमति तो चुनाव से पहले हो जाएंगे पारस्परिक स्थानांतरण
लखनऊ/ कानपुर देहात। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षकों का जिले के अंदर और बाहर परस्पर तबादले का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। इधर लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है। शिक्षकों को डर है कि इस चुनाव की वजह से उनका तबादला फंस न जाए। शिक्षकों का कहना है कि फरवरी से प्रक्रिया चल रही है।
जैसे अंतर्जनपदीय तबादले हुए वैसे ही पारस्परिक के आदेश भी गर्मियों की छुट्टियों में हो सकते थे। अब दिसंबर से सर्दियों की छुट्टियां होंगी तब तक चुनाव ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में शिक्षकों के तबादले दूसरे जिले और ब्लॉक में हो जाएंगे तो उन्हें अपने पुराने वाले जिले या ब्लॉक में ड्यूटी करने जाना पड़ सकता है।
बता दें विभाग में एक से दूसरे जिले में और जिले के अंदर परस्पर तबादले की प्रक्रिया कई महीने से चल रही है। विभाग ने पहले इसकी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कई बार तिथि बढ़ाई और जब प्रक्रिया पूरी हो गई तो यह कहा कि तबादले शासनादेश के अनुसार गर्मी व जाड़े की छुट्टियों में किए जाएंगे। इससे नाराज शिक्षकों ने कई बार बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया। अब शिक्षकों को यह डर सताने लगा है कि चुनाव ड्यूटी की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर दिसंबर में उनका तबादला होता है तो ड्यूटी के डाटा में भी बदलाव करना होगा। वहीं अगर चुनाव आचार संहिता लग गई तो जाड़े की जगह गर्मी की छुट्टियों तक उनका मामला टल जाएगा। इसे लेकर वे काफी परेशान हैं। इसी तरह फरवरी से चल रही पदोन्नति की प्रक्रिया भी नहीं पूरी हो पाई है। हजारों शिक्षक पदोन्नति के इंतजार में बैठे हुए हैं।
स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद का कहना है कि शासनादेश के अनुसार गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में ही तबादले हो सकते हैं। इस आदेश में शिथिलता के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही समय रहते रिलीविंग और ज्वाइनिंग के आदेश कर दिए जाएंगे।