महोबा की बेटी काे दो साल बाद मिला न्याय, दुष्कर्म करने वाले दरिंदों को 20-20 वर्ष का कारावास
अभियुक्तों कल्लू उर्फ बृजेश राजपूत पंचूलाल कुशवाहा व लखनलाल उर्फ दद्दू को विभिन्न धाराओं में सर्वाधिक 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास व 32-32 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की अदायगी न होने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
महोबा, अमन यात्रा । वर्ष 2019 में 15 वर्षीय बालिका के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना में शामिल तीन अभियुक्तों को न्यायालय ने 20-20 वर्ष के कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। अर्थदंड की अदायगी न करने पर छह-छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
ये है मामला
विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि घटना कोतवाली चरखारी के एक ग्राम की है। यहां के निवासी युवक ने चरखारी कोतवाली में सूचना देकर बताया था कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री को गांव का ही 50 वर्षीय लखनलाल राजपूत प्रलाेभन देकर उसे ले जाता था। वहां उसके साथी कल्लू लोधी व पंचू कुशवाहा भी आ जाते थे। इसके बाद तीनों लड़की के साथ दुष्कर्म करते थे। साथ ही धमकी देते थे कि किसी को बताया तो उसे और उसके माता पिता को मार देंगे। बालिका के साथ यह लोग दो से तीन माह तक गलत काम करते रहे। 14 जुलाई 2019 को बालिका अचानक घर में बेहोश हो गई। पानी छिड़कने के बाद जब वो होश में आई तब उसने बताया कि लखन, कल्लू व पंचू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। जिससे वह गर्भवती हो गई। फिर उन्होंने कोई गर्भ की गोली खिला दी।
मामले में 19 जुलाई को तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और बाद में बालिका के बयान लिए गए। 31 अगस्त 2019 को तीनों अभियुक्तों के खिलाफ आरोप विचरित किया गया। मामले की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, पाॅक्सो अधिनियम संतोष कुमार यादव ने अपना फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि अभियुक्तों कल्लू उर्फ बृजेश राजपूत, पंचूलाल कुशवाहा व लखनलाल उर्फ दद्दू को विभिन्न धाराओं में सर्वाधिक 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास व 32-32 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की अदायगी न होने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।