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राष्ट्रपति के इंतजार में पलक-पांवड़े बिछाए परौंख, ग्रामीणों में गजब सा उल्लास

कानपुर देहात में चार साल के लंबे इंतजार के बाद परौंख राष्ट्रपति की अगवानी के लिए तैयार है और गांव वाले पलक पावंड़े बिछाए बैठे हैं। बस कुछ ही देर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द अपनी जन्मस्थली पर पहुंचकर अपनों से रू-ब-रू होंगे।

Story Highlights
  • एक बजे हेलीकॉप्टर से पुखरायां पहुंचेंगे। यहां पर अपने पुराने मित्रों से मिलने के साथ कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति 4:40 बजे कानपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।

कानपुर,अमन यात्रा। कानपुर देहात में चार साल के लंबे इंतजार के बाद परौंख राष्ट्रपति की अगवानी के लिए तैयार है और गांव वाले पलक पावंड़े बिछाए बैठे हैं। बस कुछ ही देर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द अपनी जन्मस्थली पर पहुंचकर अपनों से रू-ब-रू होंगे। उनके आगमन को लेकर वृद्ध ही नहीं युवा और महिलाएं भी उत्साहित हैं और उनका पंडाल में पहुंचना शुरू हो गया है। पीएसी जवानों के राष्ट्रगान के बाद बालिकाओं ने स्वागत गान किया। अफसर भी गांव का भ्रमण करके सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।

कानपुर देहात के झींझक के गांव परौंख की मिट्टी ने अपने राम नाथ कोविन्द के गली मोहल्लों में खेलने से लेकर छात्र जीवन, राज्यपाल व अब देश के शीर्ष पद पर पहुंचने का सफर देखा है। इस सफर के दौरान वह हमेशा यहां से जुड़े रहे, लेकिन चार वर्ष का लंबा इंतजार कभी परौंख को करना नहीं पड़ा था। अब जब राष्ट्रपति यहां आ रहे हैं, चार वर्ष बाद यह सपना पूरा होने जा रहा है। इसे लेकर गांव के लोग बेहद उत्साहित हैं, राष्ट्रपति यहां 9:05 बजे हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे, उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी रहेंगी।

गांव में झलकारी बाई इंटर कालेज में पंडाल बनाया गया है, जहां कार्यक्रम में राष्ट्रपति संबोधित करेंगे और अपनों से मुलाकात भी करेंगे। इसके साथ ही वह गांव का भ्रमण भी करेंगे। वह 12:20 बजे गांव स्थित हेलीपैड पर पहुंचे और एक बजे हेलीकॉप्टर से पुखरायां पहुंचेंगे। यहां पर अपने पुराने मित्रों से मिलने के साथ कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति 4:40 बजे कानपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।

पुलिस अफसरों ने किया गांव दौरा

रविवार सुबह से ही एडीजी भानु भास्कर, कमिश्नर डॉ राजशेखर सहित सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी गांव पहुंच चुके हैं। अफसरों सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंधों का जायजा लिया और गांव का भ्रमण किया। कार्यक्रम स्थल के पास बीएसएफ की टुकड़ी तैनात की गई है। अधिकारियों का काफिला गांव में घूम घूमकर व्यवस्था देखता रहा।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और परौंख गांव

परौंख की धरती पर एक अक्टूबर 1945 को जन्मे राम नाथ कोविन्द को संघर्ष व संस्कार की शिक्षा पिता मैकूलाल ने दी। उनके पिता पथरी देवी मंदिर की देखरेख भी करते थे इसके चलते ही राष्ट्रपति का यहां से बेहद जुड़ाव है। यहां प्राइमरी की शिक्षा लेने के बाद कानपुर के रास्ते दिल्ली में वकालत करने के बाद राज्यसभा सदस्य फिर बिहार के राज्यपाल व 25 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद से ही शीर्ष पद की मर्यादा व व्यस्त कार्यक्रम के चलते वह अपनी मातृभूमि परौंख न आ सके। इस गांव ने भी अपने राम नाथ कोविन्द का चार वर्ष तक इंतजार किया।

 

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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