8वें रबीउल अव्वल अय्यामे अजा़ का सलामे आखिरी दिन
अय्याम- ए- अजा का आखरी दिन मोहम्मदपुर में 5 अक्टूबर दिन बुधवार करबला मोहम्मदपुर में एक मजलिस व सिल सिला- ए- शहादत इमाम हसन अस्करी (अ.स.) मुनक्कि़द की गई जिसको मौलाना सदाक़त हुसैन इमामे जुमा मोहम्मदपुर ने खिताब फरमाया और इमाम हसन अस्करी (अ.स.) के जीवन पर प्रकाश डाला बाद में मजलिस आलम वा ताजिए का जुलूस निकाला गया.
- रहे जो अगले बरस हम है और यह गम फिर है, जो चल बसे तो फिर अपना सलामें आखिरी है।
विमल गुप्ता, मोहम्मदपुर। अय्याम- ए- अजा का आखरी दिन मोहम्मदपुर में 5 अक्टूबर दिन बुधवार करबला मोहम्मदपुर में एक मजलिस व सिल सिला- ए- शहादत इमाम हसन अस्करी (अ.स.) मुनक्कि़द की गई जिसको मौलाना सदाक़त हुसैन इमामे जुमा मोहम्मदपुर ने खिताब फरमाया और इमाम हसन अस्करी (अ.स.) के जीवन पर प्रकाश डाला बाद में मजलिस आलम वा ताजिए का जुलूस निकाला गया.
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जो करबला से रेलवे क्रॉसिंग तक होता हुआ करबला वापस आकर अगले बरस 8 रबीउल तक के लिए मुल्तवी कर दिया गया। जुलूस में अंजुमन गुन्चा -ए- हुसैनिया मोहम्मदपुर ने नौहाख्वानी वा सीना ज़नी की जिसमें कफी़ल हुसैन, मुजाहिद हुसैन, एजाज हुसैन, शीनू , शीजू ,अम्मार, शादाब, मनोज गुप्ता, इजहार हुसैन, दिलावर हुसैन, फजी़ल हुसैन, दिलनवाज शत्रुघ्न व गांव के तमाम लोगों ने शिरकत की।