स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई संपन्न
निदेशक राज्य पोषण मिशन उत्तर प्रदेश लखनऊ की मंशा में द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में दिनांक 21 से 27 मार्च 2022 तक स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डॉ. चंद्र भूषण की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सभागार कक्ष में संपन्न हुई।
हमीरपुर– निदेशक राज्य पोषण मिशन उत्तर प्रदेश लखनऊ की मंशा में द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में दिनांक 21 से 27 मार्च 2022 तक स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डॉ. चंद्र भूषण की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सभागार कक्ष में संपन्न हुई।जिलाधिकारी ने पोषण अभियान के अंतर्गत पोषण के विषय में जन भागीदारी बढ़ाने, बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु जनमानस में व्यवहार परिवर्तन कराते हुए पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाने की दिशा में प्रत्येक आँगनवाड़ी केंद्र पर “स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा’’ कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 21 मार्च से 27 मार्च किया जाना प्रस्तावित है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाना तथा सहयोगी संस्थाओं, एन.जी.ओ., गैर सरकारी संगठन, कर्मचारी संगठन एवं चिकित्सक संगठन का बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की पोषण ट्रैकर की वेवसाइट पर पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि आँगनवाड़ी केंद्र की सीमा के बाहर सभी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के लाभार्थियों के वजन व लम्बाई को क्षेत्र में सक्रिय एन.जी.ओ के द्वारा लक्ष्य समूह के लाभार्थियों के वजन व लम्बाई की माप करेंगे तथा समीप के आँगनवाड़ी केंद्र/परियोजना द्वारा इनका पूर्ण सहयोग किया जायेगा। बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल विकास विभाग की ओर से स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा अभियान 21 से 27 मार्च तक चलाया जाएगा। कार्यक्रम के उद्देश्य 0-6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना। स्वस्थ बच्चे पर कुपोषित बच्चे की तुलना में ज्यादा ध्यान देना। समुदाय का बच्चे के स्वास्थ्य एवं पोषण को भावनात्मक स्तर से जोड़ना तथा समुदाय को स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में जागरूक करना। समुदाय में अभिभावकों के मध्य अपने बच्चे को स्वस्थ व सुरक्षित रखने हेतु प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करना। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की सेवायें प्राप्त करने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि लाना। बच्चों की वृद्धि एवं विकास की निरंतर निगरानी करते हुए समय से कुपोषण की पहचान करना तथा समयान्तर्गत हस्तक्षेप करते हुए कुपोषण को दूर भगाना। इस दौरान बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण होगा। इसमें स्वस्थ व तंदुरुस्त बच्चों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
वहीं शारीरिक रूप से कमजोर व दुर्बल बच्चों का डेटा तैयार किया जाएगा। साथ ही विशेष कैम्प का आयोजन कर स्वस्थ बालक व बालिका स्पर्धा आयोजित किया जाएगा। 0-6 वर्ष तक के बच्चों का वजन, माप आदि ली जाएगी। इसमें आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत के साथ ही बाहर से आने वाले बच्चों की भी जांच की जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण ट्रैकर पर बच्चों की लंबाई, वजन, जन्म तिथि आदि अंकित की जाएगी। बच्चों में दुबलापन, नाटापन व कम वजन के आधार पर अलग-अलग डेटा बेस तैयार किया जाएगा। कमजोर व कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर उनका इलाज कराने के साथ ही अभिभावकों को खान-पान आदि को लेकर परामर्श दी जाएगी। इसके अलावा उनका आनलाइन वर्गीकरण करने के साथ ही स्वस्थ बच्चों को प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। कार्यक्रम को प्रभारी रूप से लागू कराने के लिए ग्रामीण व शहरी एवं सेल्फ मोड पर स्पर्धा के लिए मंच, पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से आनलाइन स्वस्थ बच्चे की पहचान, बच्चे की लंबाई व ऊँचाई एवं वजन निर्धारित वृद्धि निगरानी यंत्र से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और विभिन्न एजेंसियों की ओर से किया जाएगा।इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी , जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला पंचायत राज अधिकारी अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।