मानव संपदा पोर्टल के पे रोल माड्यूल से वेतन आहरण में जनपद प्रदेश में अव्वल
जनपद में नवागंतुक वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी के आते ही विभाग में निरंतर सुधार जारी है जिसकारण जनपद के अध्यापकों में हर्ष का माहौल है।

- निर्धारित समय में परिषदीय शिक्षकों को वेतन मिलने से पूरे प्रदेश में लेखाधिकारी की हो रही है प्रशंसा
- लेखाधिकारी के खिलाफ अनर्गल खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार का शिक्षक कर रहे हैं ताबड़तोड़ विरोध
कानपुर देहात, अमन यात्रा : जनपद में नवागंतुक वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी के आते ही विभाग में निरंतर सुधार जारी है जिसकारण जनपद के अध्यापकों में हर्ष का माहौल है। कार्यभार ग्रहण करने के पहले ही माह में वित्त एवं लेखाधिकारी के नेतृत्व में कार्यालय ने अध्यापकों से किए गए अपने वादे के क्रम में दिन-रात मेहनत कर वेतन वृद्धि माह जुलाई होने के बावजूद ससमय वेतन जारी कर प्रदेश में इतिहास रच दिया जिससे वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लिए बधाइयों का तांता लग गया। जुलाई माह के वेतन का 3 फीसदी डीए एरियर भी आज जारी हो जाएगा जिसके लिए कार्यालय पूरी निष्ठा से कार्य कर रहा है। अगस्त माह हेतु अधिकतम लंबित एरियर देयक का निस्तारण, आवासी भत्ता परिशोधन, अधिकतम एनपीएस अच्छादन तथा 1 अप्रैल 2014 के उपरांत सामूहिक जीवन बीमा हेतु हो रही कटौती बंद कराना कार्यालय की प्राथमिकता में है। एक तरफ जहां पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय अपनी उत्तम एवं दक्ष कार्यशैली के लिए अप्रत्याशित ढंग से अध्यापकों के हित में लगा हुआ है वही बिना विभाग की मूलभूत जानकारी के वित्त एवं लेखाधिकारी शिवा त्रिपाठी की प्रतिष्ठा धूमिल करने के कुछ अराजक तत्वों के प्रयासों से जनपद के सभी अध्यापकों में रोष व्याप्त है।
बताते चलें वित्त एवं लेखाधिकारी पर डीए 34 फीसदी के स्थान पर 31 फीसदी देने का आरोप लगाया जा रहा है जबकि वास्तविकता में डीए प्रतिशत एनआईसी द्वारा निर्धारित एवं फ्रीज किया जाता है जिस पर मुख्यालय लखनऊ के अतिरिक्त कोई भी जनपद अथवा डीडीओ अपने स्तर से कार्यवाही नहीं कर सकता है। वित्त एवं लेखाधिकारी के कार्यालय द्वारा नियमानुसार माह के अंतिम कार्य दिवस पर ससमय कोषागार में अध्यापकों का वेतन बिल प्रेषित किया गया। किसी भी विभाग द्वारा वेतन बिल तैयार कर कोषागार में भुगतान हेतु लगाने के साथ ही विभाग का दायित्व पूर्ण हो जाता है जिसका भुगतान इसके बाद कोषागार के स्तर पर होता है। 31 जुलाई को रविवार का अवकाश होने की वजह से कोषागार ने शनिवार को शिक्षकों के खाते में वेतन ट्रांसफर कर दिया तो कुछ पत्रकारों ने लेखाधिकारी की प्रशंसा करने के बजाए इसे बेवजह का मुद्दा बना लिया और समय से वेतन भेजे जाने को गलत बता रहे हैं। बिना उपरोक्त तथ्यों की जानकारी के कुछ गिने चुने पत्रकारों द्वारा अनर्गल आरोप लगाने से एक प्रतिष्ठित, सत्यनिष्ठ, कर्तव्यनिष्ठ एवम ईमानदार अधिकारी व कार्यालय की छवि धूमिल किए जाने के प्रयास से जनपद के सभी अध्यापकों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिक्षक अनर्गल खबर को प्रकाशित व प्रसारित करने वाले पत्रकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
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