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एक देश एक परीक्षा हो रही है फेल, सरकार बच्चों के भविष्य के साथ रही है खेल

नीट परीक्षा में धांधली को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है। छात्र विरोध कर रहे है। सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई माफियों की गिरफ्तारी में लगी है। हाल यह है कि परीक्षा लेने वाली लगभग हर संस्था पर विद्यार्थियों का ही नहीं सामान्य जन का विश्वास भी डगमगा गया है

कानपुर देहात। नीट परीक्षा में धांधली को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है। छात्र विरोध कर रहे है। सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई माफियों की गिरफ्तारी में लगी है। हाल यह है कि परीक्षा लेने वाली लगभग हर संस्था पर विद्यार्थियों का ही नहीं सामान्य जन का विश्वास भी डगमगा गया है। महत्वपूर्ण परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब किसी भी व्यावसायिक संस्थान की प्रवेश परीक्षा या भर्ती परीक्षा में ऐसा ना होना अपवाद माना जाने लगा है। परीक्षा लेने वाली लगभग हर संस्था पर विद्यार्थियों का ही नहीं सामान्य जन का विश्वास भी डगमगा गया है। आज से पचास- साठ साल पहले ऐसा होना असंभव माना जाता था। स्कूल बोर्ड परीक्षाओं की साख इतनी सशक्त थी कि उन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर बड़े-बड़े इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश मिल जाता था। समय के साथ संस्थानों की साख घट गई।

इनके जो विकल्प तलाशे गए वे भी समाज में नैतिकता के घोर ह्रास में कहीं खो गए। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की स्थापना 2017 में की गई थी। इसके लिए एक देश, एक परीक्षा को आधार बनाया गया था। विद्यार्थियों को विभिन्न संस्थानों के लिए अलग-अलग परीक्षा देने से बचाना इसका उद्देश्य था लेकिन यह खिलाफ होते दिख रहा है। एनटीए इस समय कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है। वर्तमान स्थिति तो यही है कि कई परीक्षाओं मे धांधली रोक पाने में यह संस्था असफल रही है। नीट में शामिल होने वाले 24 लाख विद्यार्थी कुछ अपराधियों की वजह से अत्यंत पीड़ादायक स्थिति में पहुंच गए हैं सरकार मूकबधिर बनी हुई है। देश के युवा वर्ग के समक्ष यह अत्यंत निराशाजनक स्थिति है और व्यवस्था से जुड़े हर व्यक्ति का उत्तरदायित्व है कि इसका समाधान निकाले।

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Author: anas quraishi

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