भ्रष्टाचार के आरोप में निष्कासित अधिवक्ताओं को हाईकोर्ट से झटका
एकीकृत बार एसोसिएशन माती, कानपुर देहात द्वारा भ्रष्टाचार और बार विरोधी कदाचार में संलिप्तता के कारण निष्कासित किए गए अधिवक्ताओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है

- माती बार एसोसिएशन का निर्णय बरकरार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्योति सिंह राणा की याचिका खारिज की
सुनीत श्रीवास्तव, कानपुर देहात। एकीकृत बार एसोसिएशन माती, कानपुर देहात द्वारा भ्रष्टाचार और बार विरोधी कदाचार में संलिप्तता के कारण निष्कासित किए गए अधिवक्ताओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। बार एसोसिएशन की आम सभा ने दिनांक 20 अगस्त 2025 को अधिवक्ता ज्योति सिंह राणा, नरेश मिश्रा, आशुतोष द्विवेदी, और शिव प्रताप भदौरिया को सदस्यता से निष्कासित कर दिया था।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से भी कोई राहत न मिलने पर, निष्कासित सदस्यों में से ज्योति सिंह राणा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति माननीय सरल श्रीवास्तव और माननीय अमिताभ राय शामिल थे, ने मामले की सुनवाई की। बेंच ने याचिका खारिज करते हुए ज्योति सिंह आदि का निष्कासन बरकरार रखा। न्यायालय के इस फैसले से माती बार एसोसिएशन के मूल निर्णय पर मुहर लग गई है।
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