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मौसम के मारे मरीजों का सर्वे करेंगी निगरानी समितियां 

  रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बीच शासन के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग की निगरानी समितियां एक्टिव मोड में आ गई हैं। अगले दो दिन के अंदर गांव-गांव निगरानी समितियों के माध्यम से लोगों को मौसम से बचाव के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू होगा। हैंडबिल-पोस्टर लगाए जाएंगे।

Story Highlights
  • भीषण गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक्टिव की समितियां
  • बीमारों को यथासंभव दवाएं मुहैया कराएंगी, गंभीर बीमारों को करेंगी रेफर 
हमीरपुर, हरिमाधव मिश्र :  रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बीच शासन के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग की निगरानी समितियां एक्टिव मोड में आ गई हैं। अगले दो दिन के अंदर गांव-गांव निगरानी समितियों के माध्यम से लोगों को मौसम से बचाव के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू होगा। हैंडबिल-पोस्टर लगाए जाएंगे। बीमारों को दवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। गंभीर मरीजों को निकटवर्ती अस्पताल के लिए रेफर किया जाएगा ताकि उनका समुचित उपचार हो सके।
इस साल गर्मी रोज नए रिकार्ड बना रही हैं। अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस के पार भी जा चुका है। गर्मी की वजह से बीमार होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौसम को देखते हुए शासन ने निगरानी समिति और रैपिड रेस्पॉन्स टीमों को सक्रिय करने के निर्देश जारी किए हैं ताकि दूरदराज के इलाकों में बीमार होने वालों को समय रहते उपचार मुहैया कराया जा सके और मौसम की वजह से प्रभावित होने वालों की निगरानी होती रहे।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.पीके सिंह ने बताया कि जनपद में करीब 454 निगरानी समिति हैं। इसके अलावा रैपिड रेस्पॉन्स टीमें भी हैं जो कि अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं। अगले दो दिन के अंदर गांव-गांव टीमें भ्रमण करेंगी। एएनएम और आशा की टीम मौसम से प्रभावित होने वाले मरीजों की निगरानी करेंगी। आवश्यक होने पर दवाएं भी देंगी और गंभीर मरीजों को तत्काल निकटवर्ती अस्पताल में उपचार कराने की व्यवस्था कराएंगी।
संक्रामक रोगों की रोकथाम के भी इंतजाम
जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि संक्रामक बीमारियों की रोकथाम को लेकर भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। जिले में सात लाख क्लोरीन की दवाएं हैं। प्रत्येक सीएचसी में 10-10 बोरी ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध कराया गया है। 6 लाख ओआरएस पाउडर का भी वितरण हो चुका है।
सूरज के सीधे संपर्क में आने से बचें, बार-बार पानी पिएं
लू के असर को कम करने के लिए और इसकी रोकथाम के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक के बीच में जितनी बार हो सके पानी पियें प्यास न लगे तो भी पानी पियें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहने। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें। सफर में अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें। तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या करें 
– घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम का पना, इत्यादि का सेवन करे।
– जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें।
– अपने घर को ठंडा रखें, पर्दा, शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खिड़कियां खुली रखें। ठंडे पानी से नहाएं।
– धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़े।
– खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे।
– उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें।
– खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढ़ककर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके।
– सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर ही रहे। संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें।
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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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