अपना देश

धार्मिक स्थल खोले जाने का मामला: राज्यपाल को CM ठाकरे का जवाब- क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का हिस्सा नहीं?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कोश्यारी के सोमवार को लिखे पत्र के जवाब में आज पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार इन स्थलों को पुन: खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी.

कोश्यारी ने अपने पत्र में कहा था कि उनसे तीन प्रतिनिधिमंडलों ने धार्मिक स्थलों को पुन: खोले जाने की मांग की है. ठाकरे ने अपने जवाब में कहा कि यह संयोग है कि कोश्यारी ने जिन तीन पत्रों का जिक्र किया है, वे बीजेपी पदाधिकारियों और समर्थकों के हैं.

‘क्या आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं?’
कोश्यारी आरएसएस से जुड़े रहे हैं और बीजेपी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था, ‘‘क्या आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं?’’ इसके जवाब में ठाकरे ने सवाल किया कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है.

ठाकरे ने कहा, ‘‘क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है. लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही नहीं है.’’

बता दें कि बीजेपी और मनसे महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोले जाने की मांग कर रही है. आज बीजेपी ने कई जगहों पर धार्मिक स्थलों को खोले जाने को लेकर प्रदर्शन भी किया.

Print Friendly, PDF & Email
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button