परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के हजारों पद खाली, फिर भी नौकरी के लिए भटक रहे युवा
बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो है ही, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में सबसे ज्यादा टोटा है। अनेक स्कूल शिक्षक विहीन हैं तो अनेकों में एक ही शिक्षक सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। शिक्षा हमें जितनी अनिवार्य और सुलभ नजर आती है गांवों में उतनी ही दुर्लभ और उपेक्षित है।

कानपुर देहात, अमन यात्रा : बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी तो है ही, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में सबसे ज्यादा टोटा है। अनेक स्कूल शिक्षक विहीन हैं तो अनेकों में एक ही शिक्षक सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। शिक्षा हमें जितनी अनिवार्य और सुलभ नजर आती है गांवों में उतनी ही दुर्लभ और उपेक्षित है। सबके लिए शिक्षा आधारभूत आवश्यकता है लेकिन नेताओं के जहन में इसका मोल शायद कुछ भी नहीं है क्योंकि हमारे प्रदेश के शिक्षामंत्री को ही यह नहीं पता कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद हैं कि नहीं हर बार अलग-अलग जवाब देते हैं।
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विधायक डॉ० मुकेश वर्मा के सवाल पर बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मई के विधानसभा सत्र में दिए जवाब में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 332734 नियमित शिक्षकों के साथ 147766 शिक्षामित्रों को भी शिक्षक माना था। इसी प्रकार उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत 120860 नियमित शिक्षकों के साथ 27555 अंशकालिक अनुदेशकों को भी शिक्षक माना था और कहा था कि शिक्षकों के रिक्त पद नहीं है। इसके बाद बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने मंगलवार के विधानसभा सत्र में विधायक प्रसन्न कुमार और मनोज कुमार पारस के एक सवाल के जवाब में बताया कि परिषदीय स्कूलों में 63229 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। अब सवाल यह उठता है कि शिक्षा मंत्री जी खुद ही यह निर्णय नहीं ले पा रहे हैं कि शिक्षकों के पद रिक्त हैं या भरे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर बेरोजगार युवा रिक्त पदों को भरने की मांग लगातार कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों ने मंत्री से लगाई गुहार
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से लगातार बीएड, बीटीसी डिग्रीधारक रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की गुहार लगा रहे हैं। इसको लेकर अभ्यर्थियों द्वारा सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक आंदोलन किया जा रहा है।
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