उन्नाव

Unnao Case: किशाेरियों की हत्या में सामने आया नया तथ्य, पानी में सल्फो सल्फ्युरान मिलाकर पिलाया गया

उन्नाव में दो किशोरियों की हत्या के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने पर बिसरा जांच के लिए भेजा गया था। छह दिन बाद आई रिपोर्ट में खरपतवार नाशक जहरीली दवा पानी में मिलाकर पिलाये जाने की पुष्टि हुई है।

उन्नाव,अमन यात्रा । असोहा के गांव में किशोरियों की हत्या में आरोपितों ने पानी में सल्फो सल्फ्युरान का प्रयोग किया था। यह खरपतवार नाशक जहरीली दवा है। इसके गंधरहित होने से उन्हें इसका पता नहीं चला और वे पानी पी गईं। जहर काफी तेज होने से किशोरियां तत्काल बेहोश हो गईं और कुछ घंटों में ही दो की मौत हो गई।

दो किशोरियों के पोस्टमार्टम के बाद जहर का पता लगाने के लिए केमिकल एनॉलिसिस (रसायन विश्लेषण) के लिए लखनऊ भेजे गए विसरा की रिपोर्ट आने के बाद यह राजफाश हुआ है। यह रिपोर्ट मंगलवार देर शाम पुलिस को मिली। इसमें साफ हुआ कि जो जहरीला पदार्थ देकर उन्हें मारा गया था वह एक खरपतवार नाशक खेती में प्रयोग होने वाली जहरीली दवा है। एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि गंधरहित होने से किशोरियों को पानी में जहर होने का पता नहीं चला।

गांव के पानी में टीडीएस की मात्रा पांच हजार, पीलापन भी

एसपी ने बताया कि गांव के पानी की भी गुणवत्ता की जांच कराई थी। पानी में टीडीएस की मात्रा पांच हजार निकली है। पानी काफी पीला है। इसके कारण भी किशोरियां पानी में मिली जहरीली दवा को नहीं जान सकीं।

दवा विक्रेता की भी की जा सकती छानबीन

सल्फो सल्फयुरान हत्यारोपित कहां से लाया, इसकी जांच पुलिस करेगी। पता लगाएगी कि यह दवा दुकानों से बिक्री में प्रतिबंधित तो नहीं है। इसकी बिक्री के लिए किसी प्रकार के कागजात तो जरूरी नहीं होते हैं। यदि ऐसा है तो संबंधित विक्रेता भी पुलिस कार्रवाई की जद में आ सकता है।

गेहूं की फसल में खरपतवार नष्ट करने के लिए होता है प्रयोग

कृषि उप निदेशक नंद किशोर ने बताया कि सल्फो सल्फ्यूरान कीटनाशक का प्रयोग फसलों में खरपतवार को रोकने के लिए किसान करते हैं। इस कीटनाशक के छिड़काव से जंगली घास, खरपतवार नष्ट हो जाती है। इसका प्रयोग ज्यादातर गेहूंू की फसल में करते हैं।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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