अब तक खातों में नहीं पहुंची यूनिफॉर्म की राशि, बेसिक स्कूलों के अभिभावक कर रहे इंतजार
अप्रैल से बेसिक स्कूलों का नया सत्र शुरू हो गया। जुलाई में स्कूल यूनिफॉर्म और बैग के लिए अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजे जाने की औपचारिक शुरुआत भी जोर-शोर से कर करवा दी गई।
राजेश कटियार, कानपुर देहात। अप्रैल से बेसिक स्कूलों का नया सत्र शुरू हो गया। जुलाई में स्कूल यूनिफॉर्म और बैग के लिए अभिभावकों के खाते में धनराशि भेजे जाने की औपचारिक शुरुआत भी जोर-शोर से कर करवा दी गई। हकीकत यह है कि अभी तक ज्यादातर स्कूलों के बच्चों के अभिभावकों को यूनिफॉर्म के लिए धनराशि का इंतजार है। स्कूल यूनिफॉर्म, बैग, जूते-मोजे और स्वेटर के लिए 1200 धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजी जाती है। इस साल जुलाई में मुख्यमंत्री ने धनराशि अभिभावकों के खाते में भेजने की औपचारिक शुरुआत की लेकिन कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां के बच्चों के आधे अभिभावकों के खातों में भी धनराशि नहीं पहुंची। जनपद के परिषदीय स्कूलों में नामांकित करीब 1.44 लाख के सापेक्ष मात्र 92304 बच्चों को प्रथम चरण में जूते, मोजे, स्कूल बैग, ड्रेस, स्टेशनरी के लिए 1200-1200 रुपये की धनराशि मिली है शेष बच्चों को द्वितीय चरण में धनराशि दी जानी थी जोकि अभी तक नहीं मिली है। यह दिक्कत सिर्फ कानपुर देहात के स्कूलों की ही नहीं वल्कि प्रदेश के ज्यादातर विद्यालयों में सभी अभिभावकों के खाते में धनराशि नहीं पहुंची है। दरअसल खातों में धनराशि पहुंचने में कई तरह की तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। शिक्षकों को छात्र और अभिभावक का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड करना होता है।
इसमें आधार नंबर और मोबाइल नंबर लिंक किया जाता है। इसी ब्योरे के आधार पर बैंक खातों में धनराशि जाती है। कई अभिभावकों ने मोबाइल नंबर बदल दिया है तो कई ने पोर्टल में पिता का आधार फीड कराया है लेकिन बैंक डिटेल में मां या कोई और बच्चे का केयरटेकर फीड है तो कुछ का केवाईसी के अभाव में खाता निष्क्रिय हो गया है। कुछ अभिभावक बैंक जाते हैं तो वहां से भी सही जानकारी नहीं मिलती है। इस तरह वे स्कूल और बैंक के चक्कर लगाते रह जाते हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के अभिषेक द्विवेदी का कहना है कि पहले की तरह पोर्टल में खाता संख्या फीड हो और उसी के आधार पर धनराशि पहुंचे तो दिक्कत नहीं होगी। हर साल तकनीकी दिक्कतें आती हैं। ऐसे में इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए।
डीबीटी से लाभान्वित बच्चों की संख्या :-
अकबरपुर – 11348
अमरौधा -11261
डेरापुर -7468
झींझक -6146
मलासा -7616
मैथा -10687
राजपुर -8124
रसूलाबाद -11883
संदलपुर -5988
सरवनखेड़ा -11983
टोटल लाभांवित बच्चें- 92304
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय का कहना है कि ज्यादातर के खातों में धनराशि पहुंच गई है जिनके में नहीं पहुंची उसके लिए भी प्रयास कर रहे हैं। किसी का स्कूल में नामांकन ही नहीं है या पढ़ने आते ही नहीं, उनको भी जांचा जा रहा है। अगले महीने के अंत तक खातों में धनराशि पहुंचने की संभावना है।