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प्रकाशोत्सव पर्व हुआ शुरू, सुबह निकाला गया नगर कीर्तन

बुधवार तड़के श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव पर्व शुरू हो गया। प्रकाशोत्सव के पहले दिन नगर के सभी प्रमुख गुरुद्वारों से प्रभात फेरियां निकाली गई। सभी प्रभात फेरियां गुरुद्वारा रंजीत नगर में एकत्रित हुईं।

Story Highlights
  • मोतीझील में ढाई लाख संगत छकेगी लंगर, 25 टन देसी घी का बनेगा हलवा

कानपुर ,अमन यात्रा : बुधवार तड़के श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव पर्व शुरू हो गया। प्रकाशोत्सव के पहले दिन नगर के सभी प्रमुख गुरुद्वारों से प्रभात फेरियां निकाली गई। सभी प्रभात फेरियां गुरुद्वारा रंजीत नगर में एकत्रित हुईं। यहां से गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया व पंज प्यारों की अगुवाई में नगर कीर्तन के रूप में मरियमपुर स्कूल, हरबंश सिंह भल्ला चौक, कबाड़ी बाजार, संत नगर, गुरु गोविद सिंह चौक, 80 फीट रोड, अशोक नगर, अमर जवान ज्योति चौक होते मोतीझील पंडाल में पहुंचीं।

जगह-जगह नगर कीर्तन का किया गया स्वागत।
जगह-जगह नगर कीर्तन का किया गया स्वागत।

किया गया सम्मानित
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मोतीझील में 17 से 19 नवंबर तक मनाया जाएगा। प्रभात फेरियों के मोतीझील पहुंचते मुखिया को सम्मानित किया गया। मुख्य समारोह 19 नवंबर को होगा। इस दौरान गुरु का लंगर भी होगा। प्रकाशोत्सव को लेकर गुरुद्वारों को रंग-बिरंगी रोशनी व झालरों से सजाया गया है। मोतीझील में भव्य पंडाल बनाया गया है।

ढाई लाख संगत छकेगी लंगर
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर मोतीझील में ढाई लाख संगत लंगर छकेगी। लंगर की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। रोटियां तैयार करने के लिए पांडुनगर, गोविदनगर, किदवई नगर सहित कई स्थानों पर 14 सेंटर बनाए गए हैं। मोतीझील में भी बुधवार को शाम से लंगर की तैयारी शुरू हो जाएगी।

25 तंदूर में सिकेंगी रोटियां
मोतीझील में होने वाले लंगर की व्यवस्था देख रहे मंजीत सिंह सागरी ने बताया कि रोटियों के लिए ढाई टन आटा प्रयोग किया जाएगा। प्रसाद के लिए 25 टन देसी घी का हलवा बनेगा। 80 बोरी आलू व गोभी की सब्जी तैयार की जाएगी। मोतीझील में रोटियों के लिए 25 तंदूर लगाए जाएंगे। विभिन्न स्थानों पर बनाए गए सेंटरों से भी रोटियां तैयार होकर आएंगी।

ये संगत कानपुर आई
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर सरदार गुरशरण सिंह लुधियाना वाले, सतनाम सिंह जवांदी हजूरी रागी दरबार साहिब, जसविदर सिंह, दिलबाग सिंह कीर्तन से संगत को निहाल करेंगे।

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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