जालौनउत्तरप्रदेश

बारिश ना होने की वजह से किसानों की चिंता बढ़ी

आषाढ़ का महीना समापन की ओर है किन्तु अभी तक मानसून सक्रिय नहीं हुआ है। बारिश न  होने से खरीफ की फसल की बुआई नहीं हो पा रही है।फसल की बुआई न होने के कारण किसान चिंतित दिख रहा है।

जालौन(उरई),अनुराग श्रीवास्तव। आषाढ़ का महीना समापन की ओर है किन्तु अभी तक मानसून सक्रिय नहीं हुआ है। बारिश न  होने से खरीफ की फसल की बुआई नहीं हो पा रही है।फसल की बुआई न होने के कारण किसान चिंतित दिख रहा है।

खरीफ की फसल की बुआई गंगा दशहरा के आसपास शुरू हो जाता है। जिसमें सबसे पहले मक्के व धान की बुआई किसान शुरू देते हैं। इसके बाद बाजरा, उरद, तिल, धान, मूंग, अरहर और  आदि की फसलें आती हैं।आषाढ़ का महीन समापन की ओर है तथा सावन शुरू होने वाला है। इसके बाद भी क्षेत्र में बारिश के नाम पर जरा सी बूंदाबांदी ही हो पाई है। जिसकी वजह फसलों की रोपाई नहीं हो पा रही है।फसल की बुआई न होने से आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों के मस्तिष्क पर चिंता की लकीरें परिलक्षित होने लगी है।

इनसेट-

बारिश न होने से सूखे पड़े हैं खेत

जालौन। बारिश की आस में आसमान की ओर ताकते किसान राजेश नैनपुरा ने कहा कि बरसात नहीं होने की वजह से खेत सूखे और खाली पड़े हुए हैं. जबकि पिछले सालों में इन्हीं खेतों में बखराई और बुआई होती रहती थी. जिससे खेतो में रौनक रहती थी. लेकिन इस साल मानसून के पिछड़ जाने से किसानों के सामने खरीफ की फसल पैदा ना होने के चलते मुसीबत खड़ी हो गई है.

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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

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