बीएसए रिद्धी के हस्तक्षेप के बाद बनना शुरू हुआ एमडीएम
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को मिड-डे-मील अनिवार्य रूप से दिए जाने का प्रावधान है इसके बावजूद संदलपुर विकासखंड के कौरु फरहदपुर प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षकों की लड़ाई के चलते 8 माह से एमडीएम नहीं बन रहा था।
- 8 माह के इंतजार के बाद बच्चों को मिला एमडीएम
कानपुर देहात,अमन यात्रा : परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को मिड-डे-मील अनिवार्य रूप से दिए जाने का प्रावधान है इसके बावजूद संदलपुर विकासखंड के कौरु फरहदपुर प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षकों की लड़ाई के चलते 8 माह से एमडीएम नहीं बन रहा था। जब इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय को जानकारी हुई तो वह तुरंत ही एक्शन में आई और गुरुवार को सुबह एमडीएम जिला समन्वयक डी०वी० सिंह व संदलपुर खंड शिक्षा अधिकारी चंद्रजीत सिंह समेत विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंच गईं। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विनोद कटियार भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने बीएसए को बताया कि उक्त विद्यालयों में शिक्षकों की खींचतान की वजह से बच्चों के एक भी नए प्रवेश नहीं हुए हैं। कक्षा 5 पास कर चुके विद्यार्थियों को टीसी नहीं मिली है। 8 माह से मध्यान भोजन बच्चों को नहीं मिल रहा है। बीएसए ने विद्यालय की सभी समस्याओं व पहलुओं को बारीकी से समझा और आपस में खींचतान करने वाले शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाई, साथ ही 3 दिवस के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है।
ये भी पढ़े- खुशखबरी: मृतक आश्रित के रूप में परिषदीय स्कूलों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का होगा प्रमोशन
उन्होंने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विनोद कटियार को मध्यान भोजन बनाने की जिम्मेदारी दी है। साथ ही इंचार्ज प्रधानाध्यापिका संगीता देवी व सहायक अध्यापक प्रताप सिंह एवं शिक्षामित्र सुषमा देवी को कड़ी फटकार लगाते हुए स्कूल की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा दोबारा निरीक्षण में अगर हमें एक भी खामी नजर आई तो तीनों लोगों को सस्पेंड कर दूंगी। आज ग्राम प्रधान निधी कटियार द्वारा निर्धारित मेनू के अनुसार बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया गया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विनोद कटियार की मौजूदगी में उपस्थित सभी 28 बच्चों ने मध्यान भोजन ग्रहण किया। वर्तमान में उक्त विद्यालय में 47 बच्चे नामांकित हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी की जॉच आख्या भी आ जाने के बाद उक्त विद्यालयों के शिक्षकों पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही साथ एमडीएम बनवाने की जिम्मेदारी नियमता किसी एक शिक्षक को सौंपी जाएगी। जब तक किसी शिक्षक को जिम्मेदारी नहीं मिलती है तब तक ग्राम प्रधान एमडीएम का संचालन करेंगे।