कानपुर

यूपी में सफाई, दवाई व कमाई के फार्मूले पर बनाए जाएंगे माडल गांव, विशेषज्ञों ने बनाई परिवर्तन की रूपरेखा

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) ने प्रदेश के 26 गांवों की रूपरेखा में परिवर्तन और विकास की तैयारी की है। यहां के विशेषज्ञों ने निजी संस्था और आइएएस अधिकारी डा. हीरालाल के निर्देशन में माडल गांव की कार्ययोजना बनाई है। इसे कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से लागू किया जा रहा है। सफाई, दवाई, कमाई, बिजली, पानी, संचार तंत्र, जैविक उत्पादक समेत 25 बिंदुओं पर कार्य होगा।

कानपुर, अमन यात्रा ब्यूरो । चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) ने प्रदेश के 26 गांवों की रूपरेखा में परिवर्तन और विकास की तैयारी की है। यहां के विशेषज्ञों ने निजी संस्था और आइएएस अधिकारी डा. हीरालाल के निर्देशन में माडल गांव की कार्ययोजना बनाई है। इसे कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से लागू किया जा रहा है। सफाई, दवाई, कमाई, बिजली, पानी, संचार तंत्र, जैविक उत्पादक समेत 25 बिंदुओं पर कार्य होगा।

सीएसए से संबद्ध 13 कृषि विकास केंद्र दो-दो गांव गोद लेकर उन्हें माडल बना रहे है। इसमें कानपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, अलीगढ़, इटावा समेत अन्य जिले शामिल हैं। समन्वयक डा. खलील खान ने बताया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श के बाद बिंदु तैयार किए गए हैं। माडल गांवों की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

माडल गांव के लिए बनाए गए बिंदु

सफाई : ग्रामीणों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जाएगा। उनमें गंदगी न फैलाने की आदत डाली जाएगी।

दवाई : जल्दी सोना, सुबह जल्दी जगना, योग, व्यायाम, खान-पान नियंत्रण, धनात्मक सोच रखना, जिससे दवा की जरूरत न पड़े।

कमाई : कमाई और आय को बढ़ाने के संसाधन जुटाना।

पढ़ाई : प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर ध्यान देना।

बिजली : सोलर, विद्युत, गोबर गैस प्लांट को बढ़ावा दिया जाना।

पानी : पानी की बचत करना। बारिश के पानी को संरक्षित करने की व्यवस्था।

रोजगार : कृषि को व्यापार में बदला जाए। किसान उत्पादक कंपनी तैयार हो।

संचार तंत्र : गांव की अपनी साइट और वाट््स एप ग्रुप संचालित किए जाएं।

विपणन बिक्री : गांव में क्या क्या पैदा हो रहा है। उसके लिए बाजार तलाशना।

जैविक उत्पाद : रासायनिक खाद और दवाओं के उपयोग को कम करना।

आत्मनिर्भर : गांव में फसलों का कलस्टर बनाया जाए।

विवाद रहित गांव : विवादों को आपसी रजामंदी से हल करना।

रखरखाव : लेखा का रखरखाव आनलाइन और आफलाइन किया जाए।

बायोडाटा : गांव की समस्त जानकारी। ग्रामीणों का बायोडाटा तैयार हो।

कुपोषण : कुपोषित की सूची बनाकर उनकी समस्या दूर करें।

वृक्षारोपण : गांवों में वृक्षारोपण किया जाए।

महिला विकास : महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाया जाए।

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Author: pranjal sachan

कानपुर ब्यूरो चीफ अमन यात्रा

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