शासन द्वारा पदोन्नत सिस्टर इंचार्जों को क्यों नहीं दिया जा रहा है चार्ज
शासन द्वारा अलग-अलग पदों पर कर्मचारियों को पदोन्नत किया जाता है। जिसको लेकर जहां जिस पद पर पदाधिकारी की कमी होती है और इस कमी के चलते जूनियर को चार्ज दे दिया जाता है । लेकिन जब उस पद के लिए कोई पदोन्नत होकर आता है तो उस पद से जूनियर को हटाकर तुरंत ही सीनियर को चार्ज दे दिया जाता है। लेकिन आज के समय में कुछ लोग सरकार के नियमों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
- 31 सीनियर सिस्टर इनचार्ज होने के बावजूद जूनियर सिस्टर को क्यों बना रखा मैंट्रन
- डीएम के निर्देशों का भी लगभग 3 दिन किया गया पालन
सत्येन्द्र सिंह राजावत , उरई, अमन यात्रा । शासन द्वारा अलग-अलग पदों पर कर्मचारियों को पदोन्नत किया जाता है। जिसको लेकर जहां जिस पद पर पदाधिकारी की कमी होती है और इस कमी के चलते जूनियर को चार्ज दे दिया जाता है । लेकिन जब उस पद के लिए कोई पदोन्नत होकर आता है तो उस पद से जूनियर को हटाकर तुरंत ही सीनियर को चार्ज दे दिया जाता है। लेकिन आज के समय में कुछ लोग सरकार के नियमों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन का सामने आया है जहां निदेशालय द्वारा 31 सिस्टर इंचार्जों को पत्र संख्या एम0आई0-12022103 लखनऊ दिनांक 8 जनवरी 2022 के द्वारा पदोन्नत कर राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन के सिस्टर इंचार्ज पद पर भेजा गया था । लेकिन मेडिकल सूत्रों की मानें तो लगभग 6 माह बीतने के बाद भी इनमें से किसी को भी मैंट्रन का पद नहीं दिया गया जबकि प्रधानाचार्य की खास माने जाने वाली सिस्टर मैट्रन बनी हुई है। जबकि नियमानुसार 31 पदोन्नत सिस्टर इंचार्ज को ही मैंट्रन बनाया जा सकता है लेकिन प्रधानाचार्य की करीबी माने जाने वाली सिस्टर को ही प्रधानाचार्य मैंट्रन बनाए हुए हैं। और यह सिस्टर जूनियर होते हुए भी सीनियर पर रौब झाड़ती हैं । इसके अलावा यह जूनियर सिस्टर सिस्टर व सिस्टर इंचार्जों को लक्ष्मी दान लेकर रोस्टर में ड्यूटी दिखाकर घर बैठने का अभयदान देती है ।
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शायद लक्ष्मी दान का कुछ हिस्सा प्रधानाचार्य को भी जाता है इसलिए प्रधानाचार्य इस खसम खास सिस्टर को मनमानी करने की छूट देते हैं। सूत्रों की माने तो पदोन्नत हुई 31 सिस्टर इंचार्जों को आज तक कोई चार्ज नहीं दिया और उनको घर बैठे वेतन दिलाने का अभयदान प्रधानाचार्य की खास सिस्टर द्वारा दिया गया क्योंकि सिस्टर इंचार्जों के अपने-अपने घरों पर होने के बाद भी उन्हें रोस्टर में ड्यूटी पर दर्शाया जाता है । जबकि इन सिस्टर इंचार्जों की मोबाइल की लोकेशन देखी जाए तो इनकी लोकेशन मेडिकल कॉलेज की ना निकलकर और कहीं की निकलेगी इस मामले को संज्ञान में लेकर जब डीएम ने प्रधानाचार्य को निर्देश दिए कि सबको ड्यूटी पर होना चाहिए नहीं तो वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। डीएम की सख्ती को देखते हुए चिकित्सा अधीक्षक ने मेट्रन कार्यालय में सिस्टर व सिस्टर इंचार्जों की उपस्थिति दर्ज कराई जिसमें कई सिस्टर गायब पाई गई जिसके बाद जूनियर सिस्टर की सूचना पर सभी सिस्टर व सिस्टर इंचार्ज ने लगभग 3 दिन तक उपस्थिति दर्ज कराई इसके बाद जब कोई जानकारी लेने वाला नहीं दिखा तो सभी सिस्टर पुराने ढर्रे पर वापस आ गई और मेडिकल से गायब हो गई।