डीबीटी हस्तांतरण कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखेंगे जनप्रतिनिधि व परिषदीय स्कूलों के बच्चें
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खाते में एक बार फिर योगी सरकार रुपये भेजने की तैयारी में है। कोरोना काल में बच्चों के खाते में एमडीएम की कन्वर्जन कास्ट भेजी गई थी लेकिन अबकी बार निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा तथा स्टेशनरी क्रय से संबंधित धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे विद्यार्थियों के माता-पिता या अभिभावकों के खाते में भेजी जाएगी।
- परिषदीय विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में एक अगस्त को भेजी जायेगी 1200 रूपये की धनराशि
कानपुर देहात, अमन यात्रा : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खाते में एक बार फिर योगी सरकार रुपये भेजने की तैयारी में है। कोरोना काल में बच्चों के खाते में एमडीएम की कन्वर्जन कास्ट भेजी गई थी लेकिन अबकी बार निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा तथा स्टेशनरी क्रय से संबंधित धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे विद्यार्थियों के माता-पिता या अभिभावकों के खाते में भेजी जाएगी। एक अगस्त यानि सोमवार से इसकी शुरुआत की जाएगी। योगी सरकार डीबीटी के माध्यम से 1200-1200 रुपये की धनराशि परिषदीय विद्यार्थी के खाते में एक अगस्त को पहुंचाएगी। लखनऊ में होने वाले डीबीटी हस्तांतरण कार्यक्रम का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण जनपद के परिषदीय स्कूल के बच्चे देखेंगे।
इस संबंध में शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने बीएसए को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि निशुल्क यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा तथा स्टेशनरी क्रय करने के लिए बच्चों के अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजी जाएगी। एक अगस्त को जिला मुख्यालय, बीआरसी और स्कूलों में लाइव प्रसारण कार्यक्रम को देखने की समुचित व्यवस्था करें। इसके साथ ही जनपद के माननीय जनप्रतिनिधियों व एसएमसी के सदस्यों को भी उक्त लाइव प्रसारण को देखने हेतु आमंत्रित करें। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यू-ट्यूब एवं दूरदर्शन के माध्यम से होगा जिसका लिंक पृथक से प्रदान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडे ने बताया कि डीबीटी हस्तांतरण कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। सभी स्कूलों में टीवी, लैपटॉप या मोबाइल के माध्यम से बच्चों को यूट्यूब या दूरदर्शन चैनल के द्वारा लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा।