अटेवा पेंशन बचाओ मंच पुरानी पेंशन बहाली को बनायेगा “चुनावी मुद्दा”
पुरानी पेंशन की मांग को लेकर शिक्षक व अन्य विभागों के कर्मचारी लगातार आंदोलनरत हैं। इस नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से अंशदान बढ़ाने के साथ कई अन्य फैसले लिए गए लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों की नाराजगी दूर नहीं हुई है। इस नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से अब कार्यशाला आयोजित कर एनपीएस के पक्ष में तर्क रखे जाने की कवायद शुरू की गई है।

कानपुर देहात, अमन यात्रा : पुरानी पेंशन की मांग को लेकर शिक्षक व अन्य विभागों के कर्मचारी लगातार आंदोलनरत हैं। इस नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से अंशदान बढ़ाने के साथ कई अन्य फैसले लिए गए लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों की नाराजगी दूर नहीं हुई है। इस नाराजगी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से अब कार्यशाला आयोजित कर एनपीएस के पक्ष में तर्क रखे जाने की कवायद शुरू की गई है। इसी क्रम में एनएसडीएल के विशेषज्ञों की टीम कई जिलों में जा जाकर बैठक आयोजित कर रही है।बैठक में यह बताने की कोशिश की जा रही है कि एनपीएस अफसरों और कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है। इसी क्रम में अब विभिन्न विभागों, संस्थानों में जाकर तथा बैठकें करके कर्मचारी नेताओं एवं उनके बीच दखल रखने वाले अफसरों को समझाने की रणनीति बनाई गई है। हालांकि बैठक में मौजूद अफसर ही एनएसडीएल टीम की तर्क से बहुत संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। उनका कहना है कि पेंशन की अनिश्चितता, पांच लाख रुपये से कम राशि होने पर पेंशन न देने समेत कई बिंदु हैं जिस पर पक्षकारों के पास कोई ठोस जवाब नहीं है।
होगा आंदोलन-
पुरानी पेंशन की बहाली के लिए एक बार फिर आंदोलन होने जा रहा है। शिक्षा विभाग के पेंशन बचाओ अटेवा मंच एवम रेलवे के अलग-अलग संगठनों की ओर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की गई है। शिक्षकों ने आंदोलन की रणनीति बनाई है तो उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी परिषद समेत अन्य संगठन भी पुरानी पेंशन से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं। संगठनों के अध्यक्षों का कहना है कि पेंशन फंड में आई पूरी राशि सरकार चाहे जैसे खर्च करे। कर्मचारियों को उससे कोई मतलब नहीं होगा। बस आखिरी वेतन का 50 फीसदी राशि पेंशन के रूप में मिलनी चाहिए। इसके अलावा पुरानी पेंशन के अन्य लाभ भी मिलने चाहिए।
लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने की तैयारी-
उत्तर प्रदेश विधानसभा से पहले यह बड़ा मुद्दा बना था। इससे बने दबाव के बाद राजस्थान सरकार की ओर से पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा की जा चुकी है। कई अन्य राज्यों में भी इसकी तैयारी है। ऐसे में दबाव बढ़ाने के लिए शिक्षक संघों अन्य विभाग के कर्मचारियों ने 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव से पहले इसे मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है। पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ने वाले सभी विभागों के सभी संगठन अब आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.