कानपुर

कॉल सेंटर से बेरोजगार युवाओं को बनाते थे शिकार, बिहार और मध्य प्रदेश के पीडि़तों से कानपुर पुलिस ने की बात

कानपुर में फर्जी कॉल सेंटर से बेरोजगारों से लाखों की ठगी करने के मामले में पुलिस ने संचालकों के 44 खाते फ्रीज कर दिए हैं और आठ पीडि़तों से फोन पर बात करके मुकदमा लिखाने के लिए कहा है। अभी फरार आरोपितों का सुराग नहीं मिल सका है।

कानपुर, अमन यात्रा । माल रोड और चुन्नीगंज में फर्जी कॉल सेंटर संचालित करके बेरोजगारों से लाखों रुपये हड़पने वाले आरोपितों के 44 बैंक खाते पुलिस ने शुक्रवार को फ्रीज करा दिए। इन खातों में लाखों रुपये होने की आशंका जताई जा रही है। एक दो दिन में इन खातों की केवाइसी समेत पूरा ब्योरा पुलिस को मिलने की उम्मीद है। पुलिस ने रकम गंवाने वाले मध्य प्रदेश व बिहार के आठ बेरोजगारों से भी संपर्क करके तहरीर मांगी है। अब तक किसी ने तहरीर नहीं दी है। वहीं फरार दो आरोपितों का सुराग नहीं मिला है। प्रतापगढ़ व गाजियाबाद गई टीम उनकी तलाश कर रही है।

डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह को मिली सूचना के आधार पर बुधवार को स्वाट टीम ने हरबंश मोहाल पुलिस के सहयोग से माल रोड के ग्लोबस मॉल व चुन्नीगंज में स्थित एसकेएस डिजिटल सोल्यूशन नामसे संचालित हो रहे फर्जी कॉल सेंटरों पर छापा मारा था। इन कॉल सेंटरों पर मौजूद टेली कॉलर युवक-युवतियां बेरोजगारों को फोन करके नौकरी लगवाने का झांसा देते थे और अपने खातों में रकम जमा कराते थे। पुलिस ने मुख्य संचालक व गिरोह के सरगना प्रतापगढ़ के पट्टी थानाक्षेत्र के मझगांव निवासी हरिओम पांडेय को गिरफ्तार किया था। हालांकि उसके बाकी साथी अजय व विवेक फरार हो गए थे।

टीम ने मौके से बरामद चार लैपटॉप व 11 डेस्कटॉप और 22 फोन व 55 सिमकार्ड बरामद किए थे। साथ ही जांच में एसबीआइ, पीएनबी आदि बैंकों के करीब 44 खातों का पता लगा था, जिसमें पीडि़तों को झांसा देकर रकम जमा कराई जा रही थी। स्वाट टीम प्रभारी अमित तोमर ने बताया कि बैंकों को ईमेल भेजकर आरोपितों के सभी 44 खातों को फ्रीज करा दिया गया है। इन खातों की केवाइसी और अन्य ब्योरा भी एक दो दिन में मिलने की उम्मीद है। इसके बाद उन केवाइसी का भी सत्यापन किया जाएगा।

फरार आरोपित दिल्ली की कंपनी से लेते थे डाटा

फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले फरार आरोपितों विवेक व अजय का प्रतापगढ़ और गाजियाबाद में पता नहीं लगा है। जबकि गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हरिओम ने उनके इन्हीं दोनों शहरों में होने की संभावना जताई थी। साथ ही बताया था कि अजय व विवेक दिल्ली की एक अन्य कंपनी से बेरोजगार युवक-युवतियों का ब्योरा लेते थे। इसके बाद इस डाटा की मदद से कॉल सेंटर के कर्मचारी बेरोजगारों को फोन करके नौकरी का झांसा देते थे।

Print Friendly, PDF & Email
AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE

Related Articles

AD
Back to top button